मौर्य साम्राज्य
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- मौर्य वंश की स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने की थी और इनका जन्म 345 ई पू में हुआ था।
- चन्द्रगुप्त मौर्य को सेन्द्रोकटस भी कहा जाता है।
- चन्द्रगुप्त मौर्य का प्रधानमंत्री चाणक्य था। इसी की सहायता से इसने घनानन्द को हराया था।
- चाणक्य ने अर्थशात्र नामक पुस्तक लिखी। इस पुस्तक का सम्बंध राजनीति से है।
- तक्षशिला धनुर्विद्या तथा वैदिक शिक्षा के लिये पूरे विश्व में प्रसिद्ध था। चंद्रगुप्त मौर्य ने अपनी सैनिक शिक्षा यही से प्राप्त की थी।
- कौशल के राजा प्रेसेनजीत मगध का राजवैद्य जीवक चाणक्य ने भी यही पर शिक्षा प्राप्त की थी।
- चन्द्रगुप्त मौर्य 322 ई पू में मगध की राजगद्दी पर बैठा।
- चन्द्रगुप्त मौर्य जैन धर्म का अनुयायी था।
- इसका धार्मिक गुरु भद्रबाहु था।
- चन्द्रगुप्त मौर्य ने 305 ई पू में सेल्युकस निकेटर को हराया। चन्द्रगुप्त मौर्य की सेना छः भागो में बटी थी।
- सेल्युकस निकेटर ने अपनी पुत्री कनैलिया की शादी चंद्रगुप्त मौर्य के साथ कर दी।
- कनैलिया का दूसरा नाम हेलेना था।
- मेगस्थनीज, सेल्युकस निकेटर का राजदूत था। जो चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में रहता था।
- मेगस्थनीज ने इंडिका नामक पुस्तक लिखी ।
- मेगस्थनीज ने भारतीय समाज को सात जातियों में विभक्त किया है। इसने पाटलिपुत्र को पालिब्रोथा नाम दिया था।
- चन्द्रगुप्त मौर्य के बारे में जानकारी रुद्रदामन के जूनागढ़ अभिलेख से मिलती है। यह अभिलेख ब्राही लिपि में है।
- चन्द्रगुप्त मौर्य और सेल्युकस निकेटर के बीच हुए युद्ध का वर्णन एम्पियन्स में किया गया है। चन्द्रगुप्त मौर्य ने सेल्युकस निकेटर को 500 हाथी उपहार दिये थे।
- चंद्रगुप्त की मृत्यु 298 ई पू में श्रवणबेलगोला (कर्नाटक) में हुआ था।
बिन्दुसार
- चन्द्रगुप्त मौर्य का उत्तराधिकारी बिन्दुसार था, जो 298 ई पू में मगध की गद्दी पर बैठा।
- बिन्दुसार को अमित्रघात भी कहते हैं। अमित्रघात का अर्थ शत्रु विनाशक होता है।
- बिन्दुसार आजीवक सम्प्रदाय का अनुयायी था।
- बिंदुसार के दरबार मे डायमेकस नामक राजदूत को सीरियन के राजा एण्टियोकस ने भेजा था।
- बौद्ध विद्वानों तारानाथ ने बिन्दुसार को 16 राज्य का विजेता बताया था।
- जैन ग्रंथो में बिन्दुसार को सिंहसेन कहा गया हैं।
- तक्षशिला में हुए विद्रोह को दबाने के लिये बिन्दुसार ने अशोक को भेजा था।
- तक्षशिला का मुख्य कारण अधिकारीयो का दुव्यर्वहार था।
अशोक
- बिंदुसार का उत्तराधिकारी अशोक महान हुआ, जो 269 ई पू में मगध की राजगददी पर बैठा। अशोक ने कश्मीर में श्रीनगर बसाया।
- अशोक ने नेपाल में ललिपट्टन नगर बसाया।
- राजगददी पर बैठने के समय अशोक अवन्ति का राज्यपाल था।
- मास्की एंव गुर्जरा अभिलेख में अशोक का नाम अशोक मिलता हैं।
- पुराणों में अशोक को अशिकवर्धन कहा गया है।
- अशोक ने राजगददी पर बैठने के 8 वर्ष बाद 261 ई पू में कलिंग पर आक्रमण कर दिया और कलिंग की राजधानी तोसलि पर अधिकार कर लिया।
- कलिंग का राजा खारवेल था, जो जैन धर्म का अनुयायी था।
- इस युद्व में भयंकर मार-काट को देखकर अशोक को बहुत दुःख हुआ और उसने कभी भी युद्ध नही करने का निर्यण लिया, इस युद्ध के बाद अशोक ने बौद्ध धर्म अपना लिया।
- पहले वह भगवान शिव की पूजा करता था। अशोक के प्रधानमंत्री का नाम राधागुप्त था।
- अशोक का धार्मिक गुरु उपगुप्त था। अशोक की माता का नाम सुभद्रांगी था। वह चंम्पा के एक ब्राह्मण की पुत्री थी। असन्धिमित्रा एंव करूवाकि अशोक की पत्नियां थी।
- भारत मे शिलालेख का सबसे पहले प्रचलन अशोक ने किया।
- अशोक द्वारा शिलालेखों में ब्राही,खरोष्ठी,ग्रीक एंव आरमाइक लिपि का प्रयोग हुआ है।
- अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिये अपने पुत्र महेंद्र एंव पुत्री सघमित्रा को श्रीलंका भेजा।
- अशोक के शिलालेख 1837 ई पू में सर्वप्रथम जेम्स प्रिंसेप ने पढ़े थे। इनकी संख्या 14 है। अशोक के शिलालेख की खोज 1750 ई में फेंथैलर ने की थी।
- अशोक के स्तम्भ-लेखों की संख्या 7 हैं। ये केवल ब्राही लिपि में लिखे गये।
- अशोक के दरबार मे डियानिसियस नामक राजदूत आया था, जो मिस्र के राजा फिलडेफलक ने भेजा था।
- अशोक के शिलालेख में सबसे लंबा शिलालेख 7वाँ हैं।
- कौशाम्बी अभिलेख को रानी का अभिलेख कँहा जाता है।
- अशोक का सबसे छोटा स्तम्भ-लेख रुम्मीदेई हैं।
- अशोक का सार-ए-कुना अभिलेख ग्रीक एंव आरमाइक भाषा मे है।
- कलिंग के युद्ध का वर्णन 13वे शिलालेख में हैं।
- मौर्य वंश का शासन 137 वर्षो तक रहा।
- मौर्य वंश का अंतिम शासक बृहदृथ था।
- इसकी हत्या इसके सेनापति पुष्पमित्र शुंग ने 185 ई पू में कर दी और मगध पर शुंग वंश की नींव डाली।
- अशोक का नाम देवनाम प्रिय (देवताओं का प्रिय) भी हैं।
FAQ CHEAKLIST:-
प्रश्न - मौर्य साम्राज्य की स्थापना किसने की?
उत्तर - मौर्य साम्राज्य की स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने की थी।
प्रश्न - मौर्य साम्राज्य का अंतिम शासक?
उत्तर - मौर्य वंश का अंतिम शासक बृहदृथ था।
प्रश्न - मौर्य साम्राज्य का अंत कब हुआ?
उत्तर - मौर्य वंश का अंत 185 ई में हुआ था।
प्रश्न - मौर्य साम्राज्य का अंत किसने किया?
उत्तर - मौर्य साम्राज्य का अंत पुष्यमित्र शुंग ने की थी।
प्रश्न - मौर्य साम्राज्य का तृतीय शासक कौन था?
उत्तर - मौर्य साम्राज्य का तृतीय शासक अशोक था।
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